चले तो बहुत

चले तो बहुत, पहुंचे कही नहीं, किया बहुत, पाया कुछ नहीं, जिन्दगी झोख कर भी पूरी, सुख चैन कभी मिला नहीं, अब संभल जाने का वक़्त है, जिन्दगी फिर नहीं मिलेगी, कुछ कर गुजरने की ठान अब, काम ऐसा कर, की जीवन हो सफल मेरा.... रवि कवि"

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apane manobhaavo ko bahut sundar shabd die hain.

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