शिक्षा हो भय से परे......................
शिक्षा हो भय से परे बच्चे खुद अपना भविष्य तय करें सही मार्गदर्शन उन्हें मिले शहर हो या फिर गाँव भेदभाव कही न रहे सबको बराबर मौके और प्रेरणा मिले हर स्कूल प्रगति का मार्ग बने न की डर की वह दूकान चले घर में प्रेम का माहौल बने बच्चों को उनके मुताविक सम्मान मिले हर बच्चें में कुछ अलग होता है इसलिए हर बच्चे की जरुरत को आंकना सबका कर्त्तव्य बनता है बच्चें देश की पहचान होते है आने वाले कल का निर्माण होते है बच्चें कही भी हों किसी कभी हों किसी भी हाल में जीते हो वो हमारी अमोल धरोहर होते है इसलिए उनको सहेजकर रखना हम सबका कर्त्तव्य है बच्चों को डर की नहीं हमारे सिर्फ प्यार की जरुरत है इनका बचपन संवरे इनमे ही हमारा कल जीवित है .............. रवि कवि