ये नेता तो देश का चीरहरण पल पल कर रहा है

देश की राजनीति का चीरहरण
नेता रूपी दुशासन हर रोज करता है
मायावी ..छलावी हरकतों से
मानवता पर कड़ा प्रहार करता है
ना राम का कृष्ण का ना किसी धर्मं का
यहाँ पर आचरण दिखता है
ये तो रावण, कंस, शिशुपाल और शकुनी
की तरह स्वार्थ की चालें चलता है
हर रोज नए प्रपंच ठगने के
शातिर होकर दांव चलता है
खादी को बदनाम और
माँ भारती का अपमान
बेशर्म होकर करता है
वोट और सिर्फ वोट से ज्यादा नहीं
कीमत जिसके लिए इंसान की
बे-हया होकर ये ढोंग रचता है
राजनीति बेच बेच कर
घर अपना और अपनों का भरपूर भरता है
ईमानदारी को रोज अपने
जूतें के तलवे से कुचलता है
जिसे नहीं है परवाह
बच्चों के भूख की
उनके भविष्य की
युवाओं के सपनो की
सिर्फ और सिर्फ लूटना
जिसका एकमात्र लक्ष्य रहता है
सच तो ये है
कि नेता का ये चरित्र
दुशासन से भी ज्यादा दरिंदा है
दुशासन ने तो एक बार ही चीरहरण किया था
मगर ये नेता तो देश का चीरहरण पल पल कर रहा है
मगर ये नेता तो देश का चीरहरण पल पल कर रहा है  .................रवि कवि





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