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Showing posts from January, 2010

आम आदमी मतलब...................

आम आदमी मतलब सब्र का जीता जागता बुत जो सिर्फ उम्मीद और झूठे वादों के लिए पूरी उम्र गुजार देता है महगाई जिसकी जीवन साथी है टपकती छत या टूटी हुई झोपडी जिसमे पूरी जिन्दगी गुजरती है एक मुट्ठी चावल और बाकी पानी हर रोज जिसकी हांडी में पकते है बच्चे भूखे नंगे रोजगार की आस हर रोज़ नित नयी जुगत जीवन के साथ साथ ता उम्र चलने वाली ऐसी व्यबस्था आम गरीब आदमी के जीवन में ऐसे ही बदस्तूर जारी है ये आम आदमी जो हर खास का जीवन बनाता है हर खास का जीवन सजाता है जो साड़े चार बरस झूटी उम्मीद के दिए जला कर जिन्दगी बसर करता है और फिर कुछ शराब की बूंदों सस्ती सी साड़ी या १००, २०० रूपये में अपना वोट बेचकर फिर से गरीबी का लाइसेंस पा लेता है यूँ भी गरीब रहने में हर खास का फायदा ही है इसलिए गरीब हमेंशा ही गरीब रहता है और अमीरों की दुनिया में खिलौना बनकर जीता है सरकार जो आम आदमी के नाम पर सत्ता का सुख लेती है लेकिन दुर्भाग्य गरीब की सुध फिर अगले चुनाव तक कभी नहीं लेती है अपना हक अगर गरीब मांगने भी चले जाये तो नसीहत और झूठे आश्वासन जरुर मिल जाते है गाँव तो पहले ही रोजगार की तंगी से दिनोदिन अनाथ होते चले जा रहे है ल

आम आदमी की येही असली पहचान है

जितना भी दीजिये दे दीजिये दर्द सह जायेंगे हर ग़म क्योंकि हमको दर्द में जीने की आदत हो गयी है दो घूंट बस मुफ्त की शराब या सस्ती सी साडी ही सही या जूठी आस के कुछ झूठे वायदे आम आदमी से कीजिये जनाब और फिर ५ साल का लिए ले जाइये हमसे सत्ता का अधिकार कितना सस्ता सौदा है ये जो हर बार बार हो जाता है ४ साल तक रुलाना फिर पांचवे वर्ष में कुछ झूठे आश्वासन और झूठे सपने कुछ लोलीपोप और फिर से नेता जी की हो जाती मौज ही मौज गरीबी कहाँ कम हुई बेरोजगारी कहाँ कम हुई महगाई कहाँ कम हुई झोपडी मकान आजतक नहीं हुई आज भी एक मुट्ठी चावल और पूरी हांडी में पानी भर भर कर ही करोडो परिवार्रों का काम चल रहा है बच्चे आज भी स्कूल नहीं जा रहे और जो जा रहे है वो कुछ भी नहीं पा रहे गाँव रोजगार की आस में पहले ही अनाथ हो चुके है शहर झुग्गी झोपडी से भड़े जा रहे है सुना है देश की राजधानी में आजकल बहुत विकास हो रहा है ११ दिनों के लिए विदेशी मेहमानों को हजारो करोड़ लगाके खुश किया जायेगा मेट्रो, फ़ीलाइओवेर, फूट ओवर ब्रिज , चमकती रोड मखमली फूटपाथ, रंग बिरंगी बत्ती, महंगी बस और भी न

प्रार्थना !!!!!!!!!!!!

हे ! जगदीश्वर, सबके नाथ कर दो जीवन का कल्याण दया धर्म से जीना आवे दुखियों को हम गले लगावे नाम का सुमिरन करे तुम्हारा ऐसा जीवन बने हमारा सदबुद्धि की दौलत दे दो भक्ति रूपी शक्ति दे दो पुण्य कर्म में लगन लगा दो जीवन नैय्या पार लगा दो धैर्य शांति का मार्ग दिखाओ मानवता का ज्ञान सिखाओ जुल्मो से लड़ने की शक्ति दो दिव्य प्रकाश मन में बिखराओ हे ! दया के तुम अवतार ऐसे जीवन भरो हमारा हर ओर हो रूप तुम्हारा हम अभिमानी न बन जाये बस दास तुम्हारे हम कहलाये इतना सा कर दो उध्हार पूर्ण समर्पित हो चरणों में बस तर दो नाथ तुम जीवन रूपी संसार !!!!!!!!!!!!!!!!!! रवि कवि