आम आदमी मतलब...................
आम आदमी मतलब सब्र का जीता जागता बुत जो सिर्फ उम्मीद और झूठे वादों के लिए पूरी उम्र गुजार देता है महगाई जिसकी जीवन साथी है टपकती छत या टूटी हुई झोपडी जिसमे पूरी जिन्दगी गुजरती है एक मुट्ठी चावल और बाकी पानी हर रोज जिसकी हांडी में पकते है बच्चे भूखे नंगे रोजगार की आस हर रोज़ नित नयी जुगत जीवन के साथ साथ ता उम्र चलने वाली ऐसी व्यबस्था आम गरीब आदमी के जीवन में ऐसे ही बदस्तूर जारी है ये आम आदमी जो हर खास का जीवन बनाता है हर खास का जीवन सजाता है जो साड़े चार बरस झूटी उम्मीद के दिए जला कर जिन्दगी बसर करता है और फिर कुछ शराब की बूंदों सस्ती सी साड़ी या १००, २०० रूपये में अपना वोट बेचकर फिर से गरीबी का लाइसेंस पा लेता है यूँ भी गरीब रहने में हर खास का फायदा ही है इसलिए गरीब हमेंशा ही गरीब रहता है और अमीरों की दुनिया में खिलौना बनकर जीता है सरकार जो आम आदमी के नाम पर सत्ता का सुख लेती है लेकिन दुर्भाग्य गरीब की सुध फिर अगले चुनाव तक कभी नहीं लेती है अपना हक अगर गरीब मांगने भी चले जाये तो नसीहत और झूठे आश्वासन जरुर मिल जाते है गाँव तो पहले ही रोजगार की तंगी से दिनोदिन अनाथ होते चले जा रहे है ल