ओ मेरे कृष्ण मोहन
मेरी प्रेम की तपस्या मुझे मीरा बना दे मुझे कबीरा बना दे मुझे कृष्ण की राधा बना दे मेरी तड़प को उसकी लगन बना दे जो सिर्फ उस प्रीतम प्यारे कि ओर मुझे ले जाये जिसने शरीर दिया धड़कन दी ये पहचान दी बस मुझे उस बलिहारी का दास बना दे ऐसा मुझे अपने कृष्ण का दीवाना बना दे ओ मेरे कृष्ण मोहन मुझे अपना बना ले ......................... रवि कवि