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Showing posts from June, 2011

अरे औ कालिया कितने बेईमान जेल में गए.......

अरे औ कालिया कितने बेईमान जेल में गए....... सरदार तीन..... राजा, कलमाड़ी और कनिमोझी अरे देश में इतने बड़े घोटाले हुए और जेल में गए बस तीन बहुत नाइंसाफी है बहुत नाइंसाफी है सजा मिलेगी जरुर मिलेगी सबको मगर सरदार कैसे ? अरे इलेक्सन तो हर पांच साल में आता है लेकिन जनता का खोया विश्वास बार बार नहीं आता है अरे मैंने तो बस एक रामपुर पर ही जुल्म किये तो मेरा अंत हो गया लेकिन यहाँ तो पुरे देश को ही दीमक लगा है पर जिन लोगो ने ये सब kiya है उनका हश्र कितना बुरा होगा ये सोचकर तो में - गब्बर भी डर गया है पर एक काम अच्छा हुआ है की अब माँ अपने बच्चे को मेरे नाम नहीं बल्कि ये कहकर डराएगी की बेटा चुप हो जा वर्ना इस घर में भी कोई बच्चा रहता है इस khabar के milte ही tere doodh को भी yeh sarkar pi जाएगी ................... रवि कवी

हम युहीं अलख जगायेंगे.....

सत्ताई चेहरों को खौफ खाने लगा है खुद और खुद के राजनितिक व्यापार में पड़े न कोई खलल इसलिए दमन का हथियार चला रखा है गर डराने धमकाने से भी जो बने मन चाही बात तो आपातकाल का हौबा भी दिखाया जा रहा है अरे जिन्हें आदत हो गरीबो का लहू पीने की जिन्हें आदत हो तुष्टिकरण पर चलने कि जो सिर्फ मनमानी करने को ही बहुमत का स्वांग रचते हो अरे इनके दरबार में जनता कि क्या बशर जहाँ राजा भी हाथ बांधे सिर्फ हुकुम बजाते हो लोकतंत्र का ये क्या मान सम्मान करेंगे जो आतंकियों पे अहसान और महिलाओ बच्चों समेत निरपराध निहत्थे लोगो को पिटवाते हो काली कमाई से देश को लूटने वाले ये गद्दार आखिर कब तक खैर मनाएंगे सिर्फ राजा , कलमाड़ी, कनिमोझी ही नहीं जब तक एक एक गद्दार बाकी है सत्ता में हमे सौगंध है अपनी मातृभूमि की हम युहीं अलख जगायेंगे.................................... रवि कवि

हम हौसन्ला खोएंगे नहीं

डराओ तुम जब तक डरा सकते हो पर हम हौसन्ला खोएंगे नहीं डंडे मारो गोली मारो या भर दो तुम जेल में अब कोई भी तुम्हारा जतन हमे रोक सकता नहीं भारत निर्माण का गाना सुना कर देश को लूटने वालों अब जनता का रौद्र रूप ही तुम्हे तुम्हारी अंतिम गति तक ले जायेगा

सरपरस्ती देने वाले ही यहाँ लूट लेते है....................

सुना था कि अहंकार में डूबे मानव का शीघ्रपतन हो जाता है सत्तासीन नशे में डूबे नेताओ को भी भला कोई ये मर्म समझा पाया है जीतकर वादों के नाम पर फिर सब भूल जाना जिनकी आदत बन जाता है जिन्हें फिर करप्सन नहीं बेरोजगारी नहीं भूख नहीं अपराध नहीं सिर्फ सत्ता का मद रह जाता है अरे भाई ये लोकतंत्र है सरपरस्ती देने वाले ही यहाँ लूट लेते है सबको आज़ादी है ऐसा है इसका मतलब अक्सर सुनते है फिर काहे को ये जनता इतनी शिकायत रखती है खामोश रहिये और आप भी बन जाये नेता रात दिन बस येही प्रार्थना करिए ..................रवि कवि

हो रहा भारत बर्बाद..............

टूटा हुआ है ये दिल नादान नहीं मिला अब तक स्वाभिमान धोखो कि जो राह मिली उसने तोड़ दिए सब अरमान चीर दिया मानव सम्मान खो रहा भारत अभिमान हो रहा भारत बर्बाद कपट चाल से देश भ्रमित है सच का सीना लहुरंजित है बहुमत कि अंधी पट्टी का गुरुर कर रहा है देश का अपमान बढ़ रहा घोर अपराध खो रहा भारत अभिमान हो रहा भारत बर्बाद जनता में है हाहाकार पर ख़ामोशी के है सब शिकार जनमत के नाम पर लूटना छला है जनता का विश्वास बेशरमी कि सब पार कर हदें इसे नाम दिया भारत निर्माण ......... रवि कवि

जिंदगी तुझसे मुलाकात हुई

जिंदगी तुझसे मुलाकात हुई जाने फिर कैसी कैसी दिल में बसी बात हुई हम समझते थे कि हम जिन्दा है पर आज अहसास हुआ जिन्दगी का मतलब क्या है थोडा थोडा ही सही दिल को ये आराम तो है कि जिंदगी का पता अब मेरे साथ साथ हमसफ़र है .......... रवि कवि