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Showing posts from July, 2010

अजनबियों का तमाशा...........

हम बदले, तुम बदले इतना बदले कि रिश्तों के इतिहास बन गए नये रिश्तों ने दीवार खड़ी कर दी अब कुछ नहीं सिर्फ................. जिन्दगी अब अजनबियों का तमाशा है .................... रवि कवि

कृषि मंत्री है या क्रिकेट मंत्री................................

कृषि मंत्री है या क्रिकेट मंत्री................... कृषि मंत्री के पास कृषि के दशा सुधारने के लिए न तो वक़्त है और न ही कोई सोच है रात दिन बस उन्हें तो क्रिकेट की ही फिक्र है फिर किस लिए वोह मंत्री ऐ कृषि बने बैठे है किसान मर रहा है महंगाई तिल तिल मार रही है और जनाब के पास इन कामो के लिए फुर्सत ही नहीं है कितनी शर्म की बात है लेकिन क्या करे आज की राजनीती बेशर्मी की मिसाल बन गयी है .............. रवि कवि

बहुत हो गया सहन

हो जाओ सब एक सब अब वक़्त है पुकारता लुट गया जो चमन फिर जागने से होगा क्या आ गया है वक़्त अब मिलकर ललकारने का बहुत हो गया सहन अब जुल्म इस सरकार का............... रवि कवि