जीवन का सुख

घाव बड़ा था
इसलिए जख्म हरा ही है अभी
दर्द और टीस
रहेगी बरक़रार
यूँ ही कुछ और दिन अभी
वक़्त खुद इलाज़ होता है
इसलिए सब्र रखना पड़ता है
गूंगे बहरे लोगो के आगे
रोने से कभी कुछ नहीं मिलता है
कितना भी बड़ा हो दर्द लेकिन
चुपचाप सहना ही ठीक रहता है
चीख भले ही दिल से निकले
पर बाहर तक न आ पाए
येही यतन मन को करना है
समझेगा भला कोई क्या किसीको
सब के सब ऐसे ही जीवन
के आदी है
वक़्त नहीं फुर्सत नहीं
न ही पल दो पल का सुकून है
सब दौड़ रहे इस जीवन में
इतना ही मंतव्य है
अपने दर्द से ज्यादा पीडा
सामने वाले के दामन में है
इसलिए खामोश सहो सब
इसमें ही जीवन का सुख है............. रवि कवि

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