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Showing posts from October, 2010

चाल चरित्र और चेहरे पर सवाल उठाने वालों

चाल चरित्र और चेहरा यक़ीनन पहचान है हमारी नापाक इरादे कुछ भी करले नहीं मिटेगी हरगिज़ हस्ती हमारी हम आसमान से टपके ओले नहीं है बीज है जो जड़ो से उगकर बृक्ष बने है हिंदी है हम, हिन्दू है हम, हिंदुस्तान है हम वसुधैव कुतुम्बुकम की संस्कृति वाली इकलौती पहचान है हम नकली चाल, नकली चरित्र, नकली चेहरों से डरने वाले भी नहीं है हम हम तो इस माटी के कण कण में बिखरी खुशबू है............. दोस्तों जो अपने स्वार्थ के लिए देश के आत्म सम्मान को बेच दे भ्रस्ताचार की ओढ़नी ही जिनका लिबास हो चापलूसी करना ही जिनकी वफादारी का सबूत हो आतंकियों को इज्जत और रास्ट्र प्रेमिओं को तोहमत देना जिनका एकमात्र राजनितिक धरम हो यकीं मानिये.................... ऐसे लोगो से बहुत बेहतर है आप और हम अरे जीने शक हो अपने ही वंशजो के होने पर ऐसे भारत माँ के गद्दार नहीं है कम से कम हम और रही बात हमारी चाल चरित्र और चेहरे पर सवाल उठाने वालों की तो वक़्त बता देगा एक दिन की संस्कृति विहीन, मूल्य विहीन और धरम विहीन होकर महाशक्ति नहीं बना जाता दूसरों के फेंके हुए टुकड़े से स्वाभि मान नहीं स्वाभिमान नहीं जगाया जाता और झोली फैला कर मांग

तक़दीर की सवारी...........

मौके को बना ले, तक़दीर की सवारी हर हार में छिपी है जीत की खुमारी अरे वक़्त इंतज़ार से नहीं बदलता उठानी पड़ती है हर जिम्मेदारी संभल जाओ आज अभी, यह उम्र का तकाजा है वर्ना जिन्दगी की यह रफ़्तार नहीं है तुमसे सँभालने वाली.............. रवि कवि - "मन का विज्ञानी"