भारत की महिमा निराली है

राजा डुगडुगी बजाता है
जनता को नचाता है
ऊँचे ऊँचे वादे करके
सस्ते में टरकाता है
मन की बात बहुत करता है
काम की बात छिपाता है
दुनिया का चक्कर लगा कर
ढोल बड़े पिटवाता है
कभी नोटबंदी है करता
कभी जीएसटी में फंसाता है
आर्थिक नसबंदी से भ्रस्टाचार को डराता है
उत्पादन सब ठप्प पड़ा है और
कारोबार हो गया सब चौपट
पर राजा जी कहते है
विकास हमारा है चौकस
न खाऊंगा न खाने दूंगा
नारा भी वो देते है
लेकिन बस ये नारे है
जो जनता को सुनाते है
पंडाल के पीछे खाने वाले
अब भी भरपूर मजे उड़ाते है
बायोमेट्रिक के डंडे से
काम सरकारी होने का भ्रम
बखूबी जारी है
असली लाल फीता शाही का
राज अभी भी कायम है  
बेटी बचाओ की बात है करते 
पर असल में बेटों को बचाते है
 “ बेचारा बेरोजगार आज भी उम्मीद से
खड़ा है उसी मुकाम पर  
जहाँ पर उसे भूतपूर्व राजा ने छोड़ा था”
वन नेशन वन टैक्स तो कर ने सके
पर “वन नेशन वन गवर्नमेंट” पर
दिल से काम जारी है
सारी नदियाँ जुड़ गयी है कागज पर
भ्रस्टाचार खतम हो गया वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट पर
अयोध्या में वर्षो बाद मनी दिवाली है
चुनाव जहाँ जब होते है
बस तभी लोलीपोप
थमा दी जाती है
जय बोलो राजा जी की
भारत की महिमा निराली है ...... Ravi कविजी


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