ओ मेरे कृष्ण मोहन

मेरी प्रेम की तपस्या
मुझे मीरा बना दे
मुझे कबीरा बना दे
मुझे कृष्ण की राधा बना दे
मेरी तड़प को उसकी लगन बना दे
जो सिर्फ उस प्रीतम प्यारे
कि ओर मुझे ले जाये
जिसने शरीर दिया
धड़कन दी
ये पहचान दी
बस मुझे उस बलिहारी का
दास बना दे
ऐसा मुझे अपने कृष्ण का
दीवाना बना दे
ओ मेरे कृष्ण मोहन
मुझे अपना बना ले ......................... रवि कवि

Comments

Anamikaghatak said…
मेरी प्रेम की तपस्या
मुझे मीरा बना दे
मुझे कबीरा बना दे
मुझे कृष्ण की राधा बना दे
मेरी तड़प को उसकी लगन बना दे

समर्पण की भावना को अत्यंत सुन्दरता से प्रस्तुत किया गया है इस कविता में ..........बधाई
Hindi Tech Guru said…
मेरी और से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर बहुत बहुत बधाई !

Popular posts from this blog

ये नेता तो देश का चीरहरण पल पल कर रहा है

वैचारिक महामारी का आपातकाल

जिन्दगी ने बहुत कुछ दिया