भारत निर्माण............
जिस धरती को किसान
अपना खून पसीना देता था
जीने के लिए लोगो को भरपूर अन्न देता था
सुना है आजकल
लूट कर उसकी धरती
उद्योगों को दे दी जाती है
न माने तो उस धरती पर
उसकी लाश बिछा दी जाती है
खेत खलियान तो पहले ही
शहरीकरण के चलते
अपना अस्तित्व खो चुके है
पर अब गाँव को वीरान
करने की साज़िश का
खेल भी चल पड़ा है
वाह रे मेरे हिंदुस्तान
क्या येही
भारत निर्माण
हो रहा है ???? ............. रवि कवि
अपना खून पसीना देता था
जीने के लिए लोगो को भरपूर अन्न देता था
सुना है आजकल
लूट कर उसकी धरती
उद्योगों को दे दी जाती है
न माने तो उस धरती पर
उसकी लाश बिछा दी जाती है
खेत खलियान तो पहले ही
शहरीकरण के चलते
अपना अस्तित्व खो चुके है
पर अब गाँव को वीरान
करने की साज़िश का
खेल भी चल पड़ा है
वाह रे मेरे हिंदुस्तान
क्या येही
भारत निर्माण
हो रहा है ???? ............. रवि कवि
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