हम युहीं अलख जगायेंगे.....
सत्ताई चेहरों को खौफ खाने लगा है
खुद और खुद के राजनितिक व्यापार
में पड़े न कोई खलल
इसलिए दमन का हथियार चला रखा है
गर डराने धमकाने से भी जो बने मन चाही बात
तो आपातकाल का हौबा भी दिखाया जा रहा है
अरे जिन्हें आदत हो गरीबो का लहू पीने की
जिन्हें आदत हो तुष्टिकरण पर चलने कि
जो सिर्फ मनमानी करने को ही
बहुमत का स्वांग रचते हो
अरे इनके दरबार में जनता कि क्या बशर
जहाँ राजा भी हाथ बांधे
सिर्फ हुकुम बजाते हो
लोकतंत्र का ये क्या मान
सम्मान करेंगे
जो आतंकियों पे अहसान
और महिलाओ बच्चों समेत
निरपराध निहत्थे लोगो को पिटवाते हो
काली कमाई से देश को लूटने वाले ये गद्दार
आखिर कब तक खैर मनाएंगे
सिर्फ राजा , कलमाड़ी, कनिमोझी ही नहीं
जब तक एक एक गद्दार बाकी है सत्ता में
हमे सौगंध है अपनी मातृभूमि की
हम युहीं अलख जगायेंगे.................................... रवि कवि
खुद और खुद के राजनितिक व्यापार
में पड़े न कोई खलल
इसलिए दमन का हथियार चला रखा है
गर डराने धमकाने से भी जो बने मन चाही बात
तो आपातकाल का हौबा भी दिखाया जा रहा है
अरे जिन्हें आदत हो गरीबो का लहू पीने की
जिन्हें आदत हो तुष्टिकरण पर चलने कि
जो सिर्फ मनमानी करने को ही
बहुमत का स्वांग रचते हो
अरे इनके दरबार में जनता कि क्या बशर
जहाँ राजा भी हाथ बांधे
सिर्फ हुकुम बजाते हो
लोकतंत्र का ये क्या मान
सम्मान करेंगे
जो आतंकियों पे अहसान
और महिलाओ बच्चों समेत
निरपराध निहत्थे लोगो को पिटवाते हो
काली कमाई से देश को लूटने वाले ये गद्दार
आखिर कब तक खैर मनाएंगे
सिर्फ राजा , कलमाड़ी, कनिमोझी ही नहीं
जब तक एक एक गद्दार बाकी है सत्ता में
हमे सौगंध है अपनी मातृभूमि की
हम युहीं अलख जगायेंगे.................................... रवि कवि
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