तुझे छूना चाहता हूँ

मैं तुझे छूना चाहता हूँ
तेरा अहसास पाना चाहता हूँ
चुमते हुए तेरे ठन्डे माथे को
शरारती आँखों के रास्ते
दिल की गहराइयों में
प्रेम के गोते लगाते हुए
तेरे हुस्न की तपिश में
जल जाना चाहता हूँ
जानना चाहता हूँ
समझना चाहता हूँ
मैं अपने दिल के अरमान
तुझ में बयां कर देना चाहता हूँ
तुझे इस तरह पाना चाहता हूँ
कि तुझ में समां जाना चाहता हूँ .............. रवि कवि

Comments

Popular posts from this blog

ये नेता तो देश का चीरहरण पल पल कर रहा है

वैचारिक महामारी का आपातकाल

जिन्दगी ने बहुत कुछ दिया