प्रेम रंग से तर बतर हो गया है
कुछ इतने करीब
सिर्फ हम तुम नहीं
रिश्ते भी हो गए
दोनों जहाँ दो से एक हो गए
कोई फासला नहीं
दरम्यान अब तेरे मेरे
जिन्दगी का एक एक रंग
तेरी मेरी साँसों में
घुल कर
प्रेम रंग से तर बतर हो गया है
तू और मैं
हम
और यह
हम
नयी नीव की तरफ बढ़ चला है ............ रवि कवि
सिर्फ हम तुम नहीं
रिश्ते भी हो गए
दोनों जहाँ दो से एक हो गए
कोई फासला नहीं
दरम्यान अब तेरे मेरे
जिन्दगी का एक एक रंग
तेरी मेरी साँसों में
घुल कर
प्रेम रंग से तर बतर हो गया है
तू और मैं
हम
और यह
हम
नयी नीव की तरफ बढ़ चला है ............ रवि कवि
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