चाल चरित्र और चेहरे पर सवाल उठाने वालों
चाल चरित्र और चेहरा
यक़ीनन पहचान है हमारी
नापाक इरादे कुछ भी करले
नहीं मिटेगी हरगिज़ हस्ती हमारी
हम आसमान से टपके ओले नहीं है
बीज है जो जड़ो से उगकर बृक्ष बने है
हिंदी है हम, हिन्दू है हम, हिंदुस्तान है हम
वसुधैव कुतुम्बुकम की संस्कृति वाली
इकलौती पहचान है हम
नकली चाल, नकली चरित्र, नकली चेहरों से
डरने वाले भी नहीं है हम
हम तो इस माटी के कण कण में बिखरी खुशबू है............. दोस्तों
जो अपने स्वार्थ के लिए
देश के आत्म सम्मान को बेच दे
भ्रस्ताचार की ओढ़नी ही जिनका लिबास हो
चापलूसी करना ही जिनकी
वफादारी का सबूत हो
आतंकियों को इज्जत और रास्ट्र प्रेमिओं को तोहमत देना
जिनका एकमात्र राजनितिक धरम हो
यकीं मानिये....................
ऐसे लोगो से बहुत बेहतर है आप और हम
अरे जीने शक हो अपने ही वंशजो के होने पर
ऐसे भारत माँ के गद्दार नहीं है कम से कम हम
और रही बात हमारी चाल चरित्र और चेहरे पर सवाल उठाने वालों की
तो वक़्त बता देगा एक दिन
की संस्कृति विहीन, मूल्य विहीन और धरम विहीन होकर
महाशक्ति नहीं बना जाता
दूसरों के फेंके हुए टुकड़े से स्वाभि मान नहीं स्वाभिमान नहीं जगाया जाता
और झोली फैला कर मांगने से ताज नहीं मिला करता .......... रवि कवि
यक़ीनन पहचान है हमारी
नापाक इरादे कुछ भी करले
नहीं मिटेगी हरगिज़ हस्ती हमारी
हम आसमान से टपके ओले नहीं है
बीज है जो जड़ो से उगकर बृक्ष बने है
हिंदी है हम, हिन्दू है हम, हिंदुस्तान है हम
वसुधैव कुतुम्बुकम की संस्कृति वाली
इकलौती पहचान है हम
नकली चाल, नकली चरित्र, नकली चेहरों से
डरने वाले भी नहीं है हम
हम तो इस माटी के कण कण में बिखरी खुशबू है............. दोस्तों
जो अपने स्वार्थ के लिए
देश के आत्म सम्मान को बेच दे
भ्रस्ताचार की ओढ़नी ही जिनका लिबास हो
चापलूसी करना ही जिनकी
वफादारी का सबूत हो
आतंकियों को इज्जत और रास्ट्र प्रेमिओं को तोहमत देना
जिनका एकमात्र राजनितिक धरम हो
यकीं मानिये....................
ऐसे लोगो से बहुत बेहतर है आप और हम
अरे जीने शक हो अपने ही वंशजो के होने पर
ऐसे भारत माँ के गद्दार नहीं है कम से कम हम
और रही बात हमारी चाल चरित्र और चेहरे पर सवाल उठाने वालों की
तो वक़्त बता देगा एक दिन
की संस्कृति विहीन, मूल्य विहीन और धरम विहीन होकर
महाशक्ति नहीं बना जाता
दूसरों के फेंके हुए टुकड़े से स्वाभि मान नहीं स्वाभिमान नहीं जगाया जाता
और झोली फैला कर मांगने से ताज नहीं मिला करता .......... रवि कवि
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