अजनबियों का तमाशा...........

हम बदले, तुम बदले
इतना बदले कि
रिश्तों के इतिहास बन गए
नये रिश्तों ने दीवार
खड़ी कर दी
अब कुछ नहीं
सिर्फ.................
जिन्दगी अब
अजनबियों का तमाशा है .................... रवि कवि

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