आप तो सजाते हो दिलों को

·                           कोई सजाता है घर तो
      कोई सजाता है महफ़िल
      पर आप तो सजाते हो दिलों को
      कोई नहीं ऐसा
      जो हो आपसे बढ़कर .....

·                           किस्से रोज बनते है
      रोज बिगड़ते है
      कुछ लोग तो किताबों में भी
      स्याही बिना ही छपते है
      पर जो लोग अलग होते है
      उनके किस्सों पे लोग
      किताब लिखते है ....

·                          ये उम्र नहीं जिसपे कुछ लिखा जाये
     ये तो जाती बहार है
     इस पर क्या ऐतबार किया जाये
     फिसलते फिसलते यहाँ आ गए है
     थामने के लिए भी
     यहाँ कुछ बचा ही कहाँ है ......

·                       दोस्त हो दिलदार हो
     दो बदन एक जान हो
     खुबसूरत हो बेमिसाल हो
    दोस्त आप  ... सचमुच कमाल हो




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