इन इरादों को बदलने का तू सोच मत...

इन इरादों को बदलने का तू सोच मत
नाव है तूफ़ान में, अफवाह पर यकीं मत कर
ये दौर परिवर्तन को देखने को मचल रहा है जब
तू अब ऐसे में कानून का - वक़्त का इंतज़ार मत कर
देर तो पहले ही बहुत हो चुकी है
अब और हुई
तो क्रांति की चिंगारी का फिर सामना तू कर
लेकिन सदियाँ तेरे नाम को बदनाम करें
ऐसा कुछ ना हो वैसा प्रयास कर
तू कर सकता है
तू बदल सकता है
मौका है
केवल लोकतंत्र का ही नहीं
तू दिलों का राजा बन सकता है
बदल ले बदल ले
आज हिंदुस्तान तुझमे हिंदुस्तान की आस्था का संबल देख रहा है .......रवि कवि

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