बाबा हजारे की तपस्या व्यर्थ न होगी....

निश्चित ही आज विलासिता का युग है
अपनी अपनी दुनिया में लोग मस्त है
पर यह न समझो ये
आज के युग की कमजोरी है
जाग रही प्रजा
बेशक धीरे धीरे ही सही
पर शुरुआत हो चुकी है
यह खुश फ़हमी अब दूर करनी होगी
ये बात सत्ता को समझनी होगी
जनतंत्र में प्रजा ही राजा है
वक़्त रहते संभल जाओ तो अच्छा है
वर्ना फिर से क्रांति होगी
बाबा हजारे की तपस्या व्यर्थ न होगी..................... रवि कवि

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