राजा कौन और जनता मौन ............................

आओ मिलके अब उठे सब
देश देता है पुकार
अब नहीं तो
फिर कब उठोगे
गद्दारों ने दी है ललकार
बैठे है सत्ता की गद्दी पे
भ्रस्ट, पापी और मक्कार
यह नहीं सुधरेंगे ऐसे
गर रहेंगे हम लोग
ऐसे ही चुप चाप
देश की अस्मिता दावं पर है
भुकमरी बेरोज़गारी और मंहगाई
सब दिनोदिन बढ़ रहे है
गद्दार नेता देश को
खोखला कर रहे है
घोटाले करने वालेमौज
और इमानदार लोग
घुट घुट मर रहे है
विकास के नाम पर
विनाश लीला चल रही है
'राजा कौन और जनता मौन
गर ऐसे ही सब चलता रहेगा
तो देश कब तक ऐसे चलेगा
फिर भी रहे खामोश तो
इतिहास हमें कभीमाफ़ नहीं करेगा ................ रवि कवि

Comments

Udan Tashtari said…
बेहतरीन!

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