नारी आज बन पड़ी है क्रांति
देखो हमारे हौंसले की बानगी
नारी आज बन पड़ी है क्रांति
अपने हक और स्वाभिमान की
अब है उसने ठान ली
हर कदम आगे बढेगा शान से
जीत जायेंगे इस जहाँ से
हर जिम्मेवारी करेंगे पूरी
अपनी पूरी जान से
नहीं हटेंगे हम पीछे
आगे किसी भी तूफ़ान के
पहुंचेंगे हम हर उस मुकाम पे
जो चमकेगा एक दिन हमारे काम से.....................रवि कवि
नारी आज बन पड़ी है क्रांति
अपने हक और स्वाभिमान की
अब है उसने ठान ली
हर कदम आगे बढेगा शान से
जीत जायेंगे इस जहाँ से
हर जिम्मेवारी करेंगे पूरी
अपनी पूरी जान से
नहीं हटेंगे हम पीछे
आगे किसी भी तूफ़ान के
पहुंचेंगे हम हर उस मुकाम पे
जो चमकेगा एक दिन हमारे काम से.....................रवि कवि
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