भूख से बड़ी तेरे माँ बाप की उम्मीद है......
रात भर बच्चा भूख से रोता बिलखता रहा
माँ बाप दिलासे से उसको समझाते रहे
की बेटा रात कट जाने दे
सुबह को आने दे
कुछ बात जरुर बन जाएगी
बस तू तब तक सब्र कर
जानता हूँ की भूख असहनीय दर्द है
मगर अभी तेरे माँ बाप के
पास कुछ नहीं
ये भी सच है
उम्मीद के सहारे
हम जिन्दा है
और तू ही तो हमारी उम्मीद है
चुप हो जा बेटा
तेरी भूख से बड़ी तेरे माँ बाप की उम्मीद है.................. रवि कवि
माँ बाप दिलासे से उसको समझाते रहे
की बेटा रात कट जाने दे
सुबह को आने दे
कुछ बात जरुर बन जाएगी
बस तू तब तक सब्र कर
जानता हूँ की भूख असहनीय दर्द है
मगर अभी तेरे माँ बाप के
पास कुछ नहीं
ये भी सच है
उम्मीद के सहारे
हम जिन्दा है
और तू ही तो हमारी उम्मीद है
चुप हो जा बेटा
तेरी भूख से बड़ी तेरे माँ बाप की उम्मीद है.................. रवि कवि
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