जनता दो प्रकार की होती है
जनता दो प्रकार की होती है एक वो जो वोट डालती है और दूसरी वो जो वोट नहीं देती है जो जनता वोट देती है वो आमतौर पर गरीब, पिछड़ी हुई, नारकीय/ बदहाली में रहने वाली या गाँव या झोपड़ पट्टी में में रहने वाली, अनपढ़ या थोडा बहुत पढ़ी लिखी हुई जो कभी कभी थोडा बहुत लालच या वादों के लच्छों में उलझ जाने वाली, जाति या धर्म के नाम पर भी बहक जाने वाली जनता ........ जो धूप हो बारिश हो कैसा भी मौसम हो कितनी भी लम्बी लाइन हो कितना भी अन्य जरुरी काम हो सबकी परवाह किये बगैर वोट दिवस को उत्सव समझ वोट देने को घर से निकल ही जाती है पर जो जनता वोट नहीं डालती , अक्सर, ज्यादा पढ़ी लिखी, आर्थिक रूप से सबल, देश दुनिया के हालात से अच्छी तरह रूबरू रहने वाली, हर मुद्दे पर पर आक्रोश और प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाली विशेषकर ... राजनितिक व्यवस्था से जुड़े लोगो से लाभ लेने वाली जनता ..................... वोट देने की प्रवर्ती से कोसो दूर रहती है या दे भी दिया तो मानो बड़ा अहसान किया वैसी अकड़ का भी खूब परिचय देती है लेकिन ज्यादातर तो, काम जरुरी ना हो तो वोट दिवस को छुट्टी का दिन बना कर घुमने निकल जाने वाली जनता ही होती ह...